GST काउंसिल ने वापस लिया सर्कुलर, महंगा पड़ सकता है पोस्ट-सेल डिस्काउंट

23-Sep-2019 Indiatimes Gst,gst-council,gst N Circular-post 434 Views

त्योहारी सीजन की पीक सप्लाई के बीच एक बार फिर पोस्ट-सेल डिस्काउंट के टैक्सेबल होने या नहीं होने का विवाद गहरा गया है। जीएसटी काउंसिल ने 28 जून को जारी एक सर्कुलर वापस ले लिया है, जिसमें साफ किया गया था कि अगर बिक्री के बाद दिया गया डिस्काउंट किसी प्रमोशनल ऐक्टिविटी या अतिरिक्त जिम्मेदारी के ऐवज में नहीं दिया गया है तो वह टैक्सेबल नहीं होगा और डीलर उस रकम पर इनपुट क्रेडिट का हकदार होगा। 28 जून का सर्कुलर मार्च में आए एक सर्कुलर के भारी विरोध के बाद आया था, जिसके तहत पोस्ट सेल डिस्काउंट को टैक्सेबल माना गया था।


लिटिगेशन एक्सपर्ट प्रमोद साहनी ने बताया कि 28 जून का सर्कुलर निष्प्रभावी होने का मतलब है कि हम फिर से मार्च और उसके पहले की स्थिति में हैं। अगर कोई सप्लायर डीलर को इसलिए डिस्काउंट दे रहा है कि वह एंड कस्टमर को कम कीमत पर सेल करे तब तो डीलर को डिस्काउंट की रकम पर टैक्स देना ही होगा, यह भी संभव है कि विभाग किसी भी कारण से दी गई छूट पर टैक्स मांगना शुरू कर दे। इस पर जल्द स्पष्टीकरण आना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि जीएसटी ऐक्ट के सेक्शन 15 (3) में साफ है कि बिक्री के बाद सप्लायर की ओर से दी गई छूट के बदले कोई फायदा नहीं लिया गया है या अतिरिक्त जिम्मेदारी नहीं डाली गई है तो छूट की रकम वैल्यू ऑफ सप्लाई में शामिल नहीं होगी और ही डीलर को इनपुट क्रेडिट रिवर्स करने की जरूरत होगी।

कश्मीरी गेट के कार डीलर रमेश आहूजा ने बताया, 'अगर कंपनी ने मुझे कोई कार 10 लाख में दी और बाद में 50 हजार का डिस्काउंट दे दिया, लेकिन यह जिम्मेदारी नहीं डाली कि यह रकम कस्टमर को पासऑन करना है तो मेरी 50 हजार पर जीएसटी लायबिलिटी नहीं बनती।' उन्होंने बताया कि कई बार ऐसा भी होता

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